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राज्यसभा में ‘तीन तलाक’ पास, पस्त हुआ विपक्ष, नहीं लगा पायेगा कोई रोड़ा

तीन तलाक बिल पर जहाँ राज्यसभा में सरकार का पक्ष मजबूत हुआ है, वहीँ दूसरी तरफ इस मामले में विरोध जताने वाला विपक्ष पूरी तरह से हारता नजर आ रहा है. अब विपक्ष के पास ऐसा कुछ भी नहीं बचा है जिससे वो इस बिल को पास होने से रोक सके. तो आइये जानते हैं कि इस बिल को पास कराने को लेकर सरकार का गणित क्या है-

तत्काल तीन तलाक पर रोक लगाने वाला विधेयक आज मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. सरकार ने विधेयक को हर हाल में पास कराने के लिए कमर कस ली है. व्हिप जारी कर दिया गया है. वहीं विपक्ष हर हाल में विधेयक रोकने की कोशिश में है. हालांकि पहले की तरह राज्यसभा में विपक्ष के लिए इस बिल पर अड़ंगा लगाना आसान नहीं होगा.
पिछले ही हफ्ते सरकार ने आरटीआई संशोधन विधेयक आसानी से पारित करा लिया था. अब तत्काल तीन तलाक पर रोक लगाने वाले विधेयक को भी सरकार किसी भी हाल में पारित कराने की फिराक में है.
पिछले हफ्ते लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सूचना का अधिकार (RTI) संशोधन बिल 2019 ध्वनिमत से पारित हो गया था. बिल के विरोध में कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉक आउट कर दिया था. बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी तीन तलाक विधेयक के खिलाफ वोट देने की बात कही है. ऐसे में बीजेपी के लिए राज्यसभा से इस विधेयक को पारित कराना एक बार फिर से चुनौती होगा.
सरकार विपक्षी दलों को मनाने की कोशिश में है. सूत्र बता रहे हैं कि 4 केंद्रीय मंत्री और दो वरिष्ठ राज्यसभा सांसदों ने गठबंधन और विपक्षी दलों से तीन तलाक बिल पर सहयोग मांगा है. माना जा रहा है कि विधेयक पर मतदान के दौरान जनता दल यूनाइटेड, तेलगु देशम पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाइएसआर कांग्रेस के सांसद वॉक आउट कर सकते हैं.
सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि NCP और समाजवादी पार्टी के अलावा AIADMK के सांसद भी मतदान के दौरान अनुपस्थित रह सकते हैं. सदन में सत्तापक्ष के पास भारतीय जनता पार्टी के 77, अकाली दल के 3, नामित 3, निर्दलीय चार, अगप के 3, एलजेपी के 1, बीपीएफ के 1, एनपीपी के 1, बीजेपी के 1 और अन्य मिलाकर आंकड़ा 103+ तक जा रहा है.
दूसरी ओर, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के 45, डीएमके के 5, 1 पीएमके, 6 लेफ्ट, 4 बसपा, 10 सपा, 3 आप, 2 पीडीपी, 1 IUML, 4 राजद, 1 तुलसी, 1 वीरेंद्र कुमार, 1 केरल कांग्रेस और 12 टीएमसी के सांसद हैं.
कुल मिलाकर विपक्ष के पास राज्यसभा में कुल 100 सांसद हैं. ऐसे में अगर विपक्ष के सांसद राज्यसभा में विधेयक पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहे तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है.
